ज्योतिष और करोड़पति योग

 

  • क्या आप करोड़पति बनने की चाहत रखते हैं ? क्या करोड़पति बनना आपके भाग्य में लिखा है ? क्या धन की देवी महालक्ष्मी और धन के देव यक्षराज कुबेर का खजाना आपके लिए खुल सकेगा? आइये जानते हैं कि क्या कहते है सितारे और क्या आपकी जन्मकुण्डली में करोड़पति बनने के योग हैं? लग्नेश त्रिकोण भाव में हों, धनेश एकादश भाव में हो तथा धनस्थान पर धनेश की पूर्ण दुष्टि हो या धनस्थान शुभ ग्रहों द्वारा दृष्ट हो तो महालक्ष्मी योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति अटूट धन-सम्पत्ति का स्वामी होने के साथ-साथ देश-विदेश में कीर्ति अर्जित करता है।

 

  • लग्न का स्वामी और नवमांश का स्वामी ये दोनों ही अपने परम उच्चांश में हों तथा लाभेश वैशेषिकांश में हो तो ऐसा जातक निश्चय ही करोड़पति होता है।

 

  • लग्न से पंचम, नवम और तृतीय भाव में बृहस्पति, चंद्रमा और सूर्य हो तथा धनेश बलवान हो तो इस अद्भुत योग में
    जन्म लेने वाला जातक खरबपति होता है।

 

  • लग्न, धन भाव, नवम भाव तथा एकादश भावों के स्वामी यदि अपनी-अपनी उच्च राशि में स्थित हों तो जातक करोड़पति होता है। यदि इन-इन भावों के भावपति अपने परमोच्च अंशों या वैशेषिकांश में स्थित हों तो ऐसा व्यक्ति अरबपति भी हो सकता है तथा उसकी गिनती नगर के सर्वाधिक धनाढय व्यक्तियों में होती है ।

 

  • धनस्थान का स्वामी यदि अष्टम स्थान में हो तथा सूर्य लग्न को पूर्ण दृष्टि अथवा शुभ दृष्टि से देखता हो तो ऐसा योग रखने वाले जातक को गढ़े हुए धन की प्राप्ति होती है। जो कि उस व्यक्ति को करोड़पति बना देती है।

 

  •  मेष अथवा वृश्चिक लग्न हो, लग्न में मंगल स्थित हो और  साथ में बुध, शुक्र एवं शनि हो तो ऐसा जातक करोड़पति
    होता है और उसके पास कुबेर जितनी संपदा होती है ।

 

  • धनु या मीन लग्न हो, बृहस्पति लग्न में स्थित हो और साथ में चंद्रमा तथा मंगल भी हो तो ऐसा व्यक्ति करोड़पति होता है। तथा लक्ष्मी का उसके घर में स्थायी निवास होता है।

 

  • मकर लग्न हो, पंचम भाव में उच्च का चंद्रमा हो तथा लाभ स्थान में बृहस्पति हो तथा शनि कुंभ के मूल त्रिकोणांशों में हो तो ऐसा जातक करोड़पति होता है । वह
    अपने स्वपराक्रम से करोड़ों रुपया अर्जित करता है और शत्रुओं को परास्त करता है।

 

  • राहु, शुक्र, मंगल तथा शनि यदि कन्या राशि में स्थित हों तो इस योग में जन्म लेने वाला जातक अरबपति होता है । उसके पास कुबेर के समान संपत्ति होती है। यह योग कन्या लग्न में सर्वाधिक प्रभावशाली होता है।

 

  • लग्नेश तथा धनेश आपस में स्थान परिवर्तन कर लेवें तो जन्म कुण्डली में अयत्न धनयोग का निर्माण होता है। ऐसे जातक को बिना प्रयत्न किये हुए लाखों-करोड़ों की संपत्ति मिलती है।

 

  • भाग्येश तथा धनेश केन्द्र स्थानों में हों और लग्न का नवांश स्वामी जिस राशि में हो तथा उसी का स्वामी धन, भाग्य स्थान या धनेश व भाग्येश पर दृष्टि डालते हों या उनसे युति करते हों तो ग्रहयुति के प्रभाव से ऐसा जातक जन्म से ही करोड़पति बन जाता है।

 

  • लग्न का स्वामी धन स्थान अरथवा लाभ स्थान में हो और लाभेश लग्न में स्थित हो तो जातक को लॉटरी, सट्टे, ताश के खेल, जुआ, रेसकोर्स शेयर बाजार अथवा
    अकस्मात् किसी रिश्तेदार के मरने पर उसकी वसीयत के में अकूत धन-सम्पत्ति प्राप्त होती है। ऐसा जातक जीवन भर अकस्मात् धन प्राप्ति करता हुआ करोड़पति
    बन जाता है।

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