धनलक्ष्मीदायक नित्य उपयोगी उपाय
आपको कुछ बातें या आदतें अथवा टोटके ऐसे भी होते है जिनका हम यदि नित्य प्रति प्रयोग करे तो अनायास ही हमें शांति,
- सुख, समृद्धि, वैभव, विलासिता, मान-सम्मान और अन्यानेक प्रकार के सुखों की प्राप्ति का आभास होने लगता है। इन नित्य उपयोगी बातों को अपनाने के लिए आपको किसी भी रुप में गण्डें-ताबीज तंत्र-मंत्र-यंत्र का सहारा लेने की कतई, भी
- आवश्यकता नहीं है । तो बस इन स्वर्णिम सूत्रों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना है और फिर इन्हें आदत बना लेना है। आइये इन नित्य उपयोगी स्वर्णिम सूत्रों को श्रद्धापूर्वक अपनाइये और आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त कीजिए-
- प्रातः काल सोकर उठने के पश्चातु सर्वप्रथम अपने दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ देर तक देखें, उन्हें चूमें तथा अपने चेहरे पर तीन-चार दफा फेरें। तत्पश्चात् नाक के छिद्रों पर एकाग्रता करके स्वर जानने का प्रयास करें और जो भी स्वर उस वक्त चल रहा हो, सर्वप्रथम उसी तरफ का पाँव पृथ्वी पर रखें।
- स्नानादि के पश्चात् ॐ घृणिः सूर्य आदित्याय ओम कहते हुए तांबें की लुटिया में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। तत्पश्चात् ही अन्य कोई पूजा-उपासना आदि करें।
- नियमित रुप से हनुमान चालीसा, हनुमानबाहुक, संकटमोचन हनुमानअष्टक आदि का पाठ करने तथा बंदरों को चने अथवा फल खिलाने से बजरंगबली प्रसन्न होकर साधक की समस्त मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करते हैं।
- घर के मुख्य द्वार के ऊपर अंदर तथा बाहर दोनों ही तरफ श्री गणेश जी की मुर्ति अथवा टाईल्स लगावें तथा प्रतिदिन प्रातः उन्हें दूर्वा (हरी घास अथवा दूब) अवश्य अर्पित किया करें।
- घर के पूजास्थल में सदैव “एकाक्षी नारियल ” अवश्य रखें।
- श्रम प्रधानता रखें, आशावादी बनें और ऋण लेने से सर्वदा
बचें।
- सफेद वस्तुओं का दान करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती है । धन संबंधी कार्य पर निकलने से पूर्व लक्ष्मी जी की प्रतिमा अथवा “स्फटिक श्रीयंत्र ” का दर्शन अवश्य करें तथा देव-प्रतिमा पर चढ़े हुए पुष्पों में से एक पुष्प अपनी जेब में रखकर अवश्य साथ में ले जाया करें।
- कार्यालय, दुकान, शोरुम इत्यादि खोलते समय सर्वप्रथम अपने इष्टदेव का स्मरण अवश्य करें।
- शुभ कार्य हेतु अथवा धन संबंधी या व्यापार कार्य हेतु बाहर निकलने से पूर्व कुछ न कुछ मीठा अथवा दही शक्कर खाकर ही घर से बाहर निकलें।
- बड़ों तथा सत्पुरुषों का सम्मान करें तथा उनको प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद लेने से सुख समृद्धि व सफलता मिलती है।
- सूर्यदेव को प्रसन्न करने हेतु उन्हें नित्यप्रति नियमित रुप से लाल पुष्प, लाल चन्दन, गोरोचन, केसर, जावित्री, जौ अथवा तिलयुक्त जल अर्पित करें।
- जहां तक संभव हो शनिवार को ही गेहूँ पिसवाएँ और गेहूँ में 100-200 ग्राम साबुत काले चने अवश्य मिला दिया करें।
- घर में बनने वाले भोजन में से पहली रोटी गाय के नाम से निकाल कर उसे खिलाएँ तथा फिर कुत्ते, कौए और चिड़िया को खिलाएँ।
- रात्रि का भोजन बनाते समय अंत में रोटी को कुत्ते को डाल दिया करें।
- जहां तक संभव हो शनिवार को ही गेहूँ पिसवाएँ और गेहूँ में 100-200 ग्राम साबुत काले चने अवश्य मिला दिया करें।
- घर में बनने वाले भोजन में से पहली रोटी गाय के नाम से निकाल कर उसे खिलाएँ तथा फिर कुत्ते, कौए और चिड़िया को खिलाएँ।
- रात्रि का भोजन बनाते समय अंत में रोटी को कुत्ते को डाल दिया करें। सके तो आटे की गोलियां बनाकर किसी जलाशय में मछलियों के लिए भी डाल आया करें।
- शंखपुष्पी की जड़ को विधिवत लाकर घर में रखना मंगलकारी होता है।
- हिंजड़ों की शुभकामनाएँ लिया करे तथा हिंजड़ें को दिये हुए पैसों में से एक सिक्का उनसे वापिस लेकर अपने गल्ले में रखने से बरकत होती है ।
- व्यापार संबंधी पत्र-व्यवहार करते समय उस पत्र पर हल्दी अथवा केसर के छीटें लगा दिया करें ।
- जिस वृक्ष पर चमगादड़ों का स्थायी वास हो उस वृक्ष की एक छोटी सी टहनी को तोड़कर अपनी गद्दी अथवा कुर्सी के नीचे रखें।
- व्यापार आदि शुभ कार्यों के लिए प्रस्थान करने से पूर्व घर का कोई भी सदस्य एक मुट्ठी साबुत काले उडद आपके ऊपर से ऊसार कर धरती पर छोड़ दे तो वह कार्य अवश्य सिद्ध होगा।
- एकाक्षी नारियल, दक्षिणावत्त्ती शंख, सफेद रत्ती, स्फटिक श्रीयंत्र, हत्था जोडी, सियार सिंगी, बिल्ली की जेर, पारद, शिवलिंग, गोरोचन, एकमुखी रुद्राक्ष, लक्ष्मी पिरामिड
- नागकेसर, पीली कौडी, मोर के पंख, अष्टगंध, पारद लक्ष्मी, श्वेतार्क गणपति इत्यादि तंत्रोक्त वस्तुओं में लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का अद्भुत गुण होता है। अतएव इन वस्तुओं को यथासंभव घर में लाकर रख लें और नित्य प्रति इनका पूजन-दर्शन करने से लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है ।
- काली हल्दी की गांठ शुभ मुहूर्त में प्राप्त करके अपने घर में, व्यापार स्थल में, कैशबॉक्स में, गल्ला, तिजोरी इत्यादि में रखने से धनागमन होता है।
- श्री रामरक्षास्तोत्र का लक्ष्मीदायक यह मंत्र नित्य प्रति जाप करने से सहज में ही धन प्राप्ति होने लगती है ।
आपदाम अपहर्तारम् दातारम् सर्व संपदाम्।
लोकाभिरामम् श्री रामम भूयो-भूयो नमाम्यहम् ॥
- असली हीरा रत्न यदि रास आ जाए तो इसे प्लेटीनम की अंगूठी में जड़वाकर पहनने से सर्वसुख प्रा्ति के साथ- साथ अतुलित वैभव मिलता है।
- अशोक, पीपल, अनार, वट, गूलर, आम, बरगद, आदि वृक्षों पर यदि बांदा मिल जाए तो उस बांदे को किसी शुभ मुहूर्त में घर लाकर रखने से बरकत होने लगती है।
- घर में तुलसी का एक पौधा लगाएँ और सायंकाल के समय वहां पर घी का दीपक अवश्य जलाएँ तो घर में सुख समृद्धि का वास होता है।
- प्रतिदिन प्रातः हाथ-मुँह धोकर थोड़ा शहद चख लिया करें और स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्य को तांबे की लुटिया में गुड़ + चीनी मिश्रित जल से अध्ध्य दिया करें, घर में शांति व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।
- पीले रंग की चित्तिदार कौडियों को जलाकर उसकी राख को बहते हुए जल में प्रवाहित करें ।
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