मगल शांति से धन प्राप्ति

1.मंगल को शक्तिशाली बनाने के लिए “मंगल यंत्र” धारण करें।

2.मंगल पीड़ा की विशेष शांति हेतु बेलफल, जटामांसी, मूसली, बकुलचन्दन, बला, लाख पुष्प एवं हिंगूल मिलाकर 8 मंगलवार तक स्नान करें।

3.ऋण निवृत्ति की इच्छा के साथ जिस जातक को धन संग्रह की कामना हो तो “मंगल यंत्र” में मूंगे के साथ मोती लगावें तो लक्ष्मी जी की कृपा हो जाएगी।

4.हरिवंश पुराण के अनुसार जातक को महारुद्र या अतिरुद्र यज्ञ कराना चाहिए।

5.मंगल यंत्र निर्दोष मूंगा सहित धारण करें यथाशक्ति गुड़ का दान भी हितकारी सिद्ध होता है।

6.लक्ष्मी स्तोत्र, देवी कवच स्त्रोत अथवा ऋण मोचन मंगल स्तोत्र में से किसी भी एक का नियमित वाचन करें ।

7.देवी भगवती का पाठन अथवा श्रवण करें।

8.महागायत्री का पाठ करना हनुमान जी को सिंदूर लगाना एवं खुद भी हनुमान जी के पैरों में रखे हुए सिंदूर को लगावें।

9. मंगल अशुभ हो तो रेवड़िया ( गुड़-तिल) जल में प्रवाहित करें।

10. मंगलकृत अरिष्ट निवारणार्थ मंगलव्रत सहित मंगल मंत्र का विधिवत अनुष्ठान करना चाहिए।

11. मंगल की दशांत्तदशा में आचार्य शंकर कृत सुब्रह्मण्यम् भुजंगस्तोत्र या कर्तिकेय स्तोत्र का पाठ एवं कुमार कीर्तिकेय की पूजा लाभदायक रहती है। इसके साथ 11
प्रदोष तिथियों में रुद्राभिषेक करना चाहिए।

12. वंश वृद्धि के लिए ‘मंगल यंत्र’ प्राण-प्रतिष्ठित कर उसका विधिवत्, जप और पूजा करें।

13. रक्त पुष्पों से मंगल की पूजा आयसु हंकारि के ” इस संपुट के साथ तुलसी रामायण के सुंदर कांड का पाठ, गौरी पूजन सहित अभीष्ट प्रद है।

14. दाल मसूर, मूंगा, शहद या सिंदूर आदि का दान देवें या जल में प्रवाहित करें।

15. सामान्य मंगल पीड़ा बजरंग बाण एवं हनुमान जी के मंदिर में दीपदान से भी दूर होती है।

16, लाल मूंगा धारण करें। मूंगे के अभाव में तांबा धारण करें।
“तब जनक पाए वशिष्ठ

17, शुद्ध चांदी धारण करें।

18. जिन्हें सुयोग्य जीवनसाथी की अभिलाषा हो वे सोने में मूंगा जड़ित मंगल यंत्र धारण करके 28 मंगलवार का व्रत रखें, निश्चय ही लाभ होगा ।

19. मंगल उच्च हो तो उसकी चीजों का दान न दें और मंगल नीच या अशुभ हो तो उसकी चीजों का दान न लें। यह उपाय 5, 11 या 43 दिन या सप्ताह या एक मास लगातार करने चाहिए।

20. लाल वस्त्र धारण करें या लाल रूमाल पास रखें।

21. कर्जा अधिक बढ़ गया है, उत्तर नहीं रहा हो तो “ऋणमोचन मंगल स्तोत्र” का नियमित पाठ करें।

22. लाल पुष्पों को बहते हुए जल में प्रवाहित करें।

23. 21 मंगलवार, 21 संकष्टीव्रत तथा 21 विनायकी व्रत करें।

24. ऋण और धन नाश की स्थिति में ॠण मोचन अंगारक स्तोत्र एवं वाल्मीकीय रामायण के सुंदर काण्ड का पाठ लाभदायक रहता है।

25. तुलसी के पौधे को जल चढ़़ावें। तुलसी पत्र का भक्षण करें। काली मिर्च खाएँ।

26, यदि संतान प्रबिंधक ग्रह मंगल हो तो ग्रामदेवता, भगवान कातिक स्वामा, शत्रु अथवा भाई-कुटुं ब्रीजनों के शाप के कारण जातक को संतान सुख नहीं होता। ऐसे में
मंगल के वेदोक्त मंत्रों का 10000 बार जप करना चाहिए। मंगल संबंधी वस्तुओं का दान करते हुए मंगलवार का नियमित व्रत रखना चाहिए।

27. श्री गणेश जी के नित्य दर्शन करें।

28. मंगल शुभ हो तो मिठाई-मीठा भोजन का दान, पताशे, बहते जल में प्रवाहित करें।

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