कर्ज से मुक्ति पाने के ज्योतिषीय उपाय और टोटके

ऐसे कई प्रश्न हैं जिनके उत्तर हम देना चाहते हैं और काफी लोग प्रश्न करते हैं। दुख के कारण भी कि हम दुखी हैं और मनुष्य जीवन मिला है तो छोटी छोटी छोटी छोटी कई चीजें ऐसी होती है जो सुख दुख का हेतु कारण बन जाती है। कई लोग पूछते हैं। हमसे हमारा हमारे जीवन में कर्ज बहुत हो गया है। कर्ज चुकाना चाहते हैं, लेकिन वो हम चुका नहीं पा रहे हैं। असमर्थ हैं। हमेशा टेंशन रहता है। क्या हम लोग जो ब्याज भी नहीं भर पाते। कोरोना काल में तो और भी बुरा हाल है। तो देखिए शास्त्रों में इसका एक विधान है।

पहला उपाय – एक पीपल के पत्ते पर चमेली के तेल और सिंदूर से स्वास्तिक के चिन्ह बनाएं और कुछ लौंग और मिठाई लड्डू इत्यादि रख दें और मंगलवार वाले दिन शाम के समय हनुमान जी के चरणों में जाकर चढ़ाएं। और ऐसा आप को लगभग पाँच मंगलवार करना चाहिए। इसमें कोई खास खर्चा भी नहीं है। पाँच मंगलवार ऐसा करें तो पता चलेगा कि हां कुछ न कुछ रास्ते दिख रहे हैं। लेकिन ये श्रद्धा से करें पवित्रता से जब ये करें। यह उपाय नहाने के बाद ही करना ।

दूसरा उपाय – एक दूसरा उपाय है कि शनिवार के दिन सुबह नित्यकर्म स्नान इत्यादि करने के बाद जितनी आपकी हाइट है उतना लंबा एक काला धागा लें उतना नाप के काले धागे को लेके उस काले धागे को नारियल पे लपेट कर उसी काले धागे को नारियल पर लपेट कर आप को वो नारियल शनिवार के दिन किसी नदी के पास जहां पानी बहता हो। बहते हुए पानी के पास जाके मन्नत मांग कर बहा दें। आप बहते समय ये प्रार्थना करें कि मैं ये अपनी मुसीबत हुमेशा के लिए बहा रहा हूं। मेरे कर्ज चुक जाएं, इसलिए मैं ऐसा कार्य कर रहा हूं। तो जितना नारियल बह के जितनी दूर जाएगा उतना ही आपकी मुसीबत भी उतनी दूर बह के चली जाएगी। तो ध्यान रखें शनिवार के दिन करना है और बहते हुए जल में वो नारियल बांधना है। बाद के समय जितना आप प्रार्थना कर सकें, अपने इष्ट अपने आराध्य से उतना आपकी बात स्वीकार्य होगी।

तीसरा उपाय – सोमवार वाले दिन। किसी वट वृक्ष के पास आप जाएं तो बढ़ के वृक्ष के पास और एक लोटा जल लेकर जाएं। एक लोटा जल ले जाकर उनकी जड़ों में वो जल चढ़ाएं। ये याद करते हुए ये ध्यान करते हुए क्या बड़केश्वर महादेव का। स्नान करा रहे। और अपने सारे दुख वहां प्रगट करें। सारे दुख प्रगट करें। आप। अपनी सारी बातें कह दें। कर्ज की बातें कह दें। सोमवार के दिन ही सोमवार मीन से आप कोई भी पाँच दिन पाँच सोमवार करना। 500 बार करना बहुत बड़ी बात है नहीं। सिर्फ जल चढ़ के चले आना है। तीसरे 5 में सोमवार वाले दिन आप को सुबह की छोटी सी जड़ें वहां से ले आएं। जहां आप नित्य जल चढ़ाते हैं वहीं से। छोटी सी झड़प आपको ले आती है और उस झगड़े को रख लेना है। पूजा स्थान में एक हफ्ते तक और उस के बाद उस जड़ को किसी लाल धागे में बांध कर या तो अपने गले में रख लें अथवा आप अपनी जेब में रख लें। इसे रखे रखे दो ढाई तीन महीने अपने पास में रखें। आप देखेंगे कि ये जड़ भी धीरे धीरे धीरे धीरे बढ़ती चली जाएगी। इसे कोई जल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसे आपको कोई अन्य कहीं से जल नहीं देना। वट वृक्ष में लक्ष्मी का असीम अनुकम्पा होती है और कई बार लक्ष्मीनारायण वटवृक्ष के नीचे आकर निवास करते हैं तो जब आप इतनी श्रद्धा से बढ़ के वृक्ष के नीचे जाएं, उसके जड़ में जल देंगे। वो भी बटुकेश्वर महादेव का ध्यान करेंगे और 500 बार आप ऐसा करेंगे और तीसरे अथवा पांचवें सोमवार में वो जो जल ले आएंगे और उसे आप अपने तन से कहीं लगा के रखेंगे तो वो जड़ भी बढ़ती चली जाएगी और ये जड़ ज्यों ज्यों बढ़ेगी त्यों त्यों लक्ष्मी का आकर्षण होगा और आपके घर में लक्ष्मी की कृपा होगी और जब लक्ष्मी की कृपा हो जाए तो बढ़ तो कर्ज अपने आप चौकी ही जाएगा।

Tags: , ,

Leave a Reply